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मंगलवार, 15 जनवरी 2019

Mirza Ghalib,


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  • Mirza Ghalib,
    उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा.   धूल चेहरे पे थी और आईना साफ़ करता रहा ** **** * ** Umr Bhar Gaalib Yahee Bhool Karata R...
  • Mirza Ghalib,
    कौन पूछता है पिंजरे में बंद परिंदों को ग़ालिब  याद वही आते है है जो उड़ जाते है **************************************** kaun poochh...
  • Mirza Ghalib,
    मंजिल मिलेगी बहक के ही सही  गुमराह तो वो है जो घर से निकलते ही नहीं *************************************** manjil milegee bahak k...
  • Mirza Ghalib,
    हम तो फना हो गए उनकी ऑंखें देख कर ग़ालिब न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे *********************************************** Hum to Fan...
  • Mirza Ghalib,
    गुजर जाएगा ये दौर भी ग़ालिब ज़रा इत्मीनान तो रख जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की किया  औकात ******************************************* ...
  • mirza ghalib
    कुछ इस तरह से ज़िन्दगी को आंसा कर लिया  किसी से माफ़ी ले ली तो किसी को माफ़ कर दिया **************************************** kuchh is...
  • Mirza Ghalib
    आइना देख अपना सा मुँह लेकर रह गए  साहिब को दिल न देने पे कितना गरूर था ************************************ Aina dekh apna sa mu...
  • said
  • Shayari
    चलो बिखरने देते है ज़िन्दगी को  सभालने का भी एक    ह ? हद  होती है **************************************** CHALO BIKHARNE DETE H...
  • think
    सनक सी थी तुझे पानी की ..... वरना लोग होश में सही काम ही करते है/ sanak si thi tujhe pani ki  warna log hosh me sahi kaam hi k...

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